Rumored Buzz on Shiv chaisa
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ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
अर्थ: हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे (पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन से निकला यह विष इतना खतरनाक था कि उसकी एक बूंद भी ब्रह्मांड के लिए विनाशकारी थी) more info आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।
भगवान शिव जी की चालीसा के बोल निचे दिए गए हैं। श्री शिव चालीसा प्रारम्भ।
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
बृहस्पतिदेव की कथा
महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर
ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
कीन्ही shiv chalisa in hindi दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
देवन जबहीं shiv chalisa lyricsl जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥